Thursday, 24 March 2011

अफसरी के साथ-साथ चौकीदारी की जिम्मेदारी

मनरेगा समेत विभिन्न योजनाओं पर रखेंगे नजर
तीन-तीन ग्राम पंचायतों के प्रभारी बने अफसर

यह शायद केंद्र की यूपीए सरकार और कांग्रेस के लगातार हमलों का ही असर है कि गांव में चलने वाली केंद्रीय योजनाओं को लेकर राज्य सरकार ने फर्जी ड्रामेबाजी शुरू कर दी है। केंद्र से पैसे ऐठने और विकास के प्रभावी क्रियान्वयन का बहाना लेकर ही मनरेगा समेत तमाम योजनाओं पर नजर रखने के लिए सरकार ने अफसरों को चौकीदारी करने की जिम्मेदारी दे दी है। खंड विकास अधिकारी से लेकर ग्राम्य विकास विभाग से जुड़े सभी आईएएस और पीसीएस अफसरों को तीन विकास खंड और तीन ग्राम पंचायतें सौंपी गई हैं।

राज्य सरकार द्वारा जिलाधिकारियों को लिखी गई चिठ्ठी में यह तो बिलकुल साफ हो ही गया है कि केंद्र की यूपीए सरकार और कांग्रेस पार्टी अगर यूपी में केंद्रीय योजनाओं पर आवंटित धन के बंदरबांट का आरोप लगा रही है तो वह मनगढ़ंत नहीं है। सरकार की तरफ से अनुसचिव आरपी सिंह ने जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन शासन की मंशानुरूप प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रहा है। योजना के क्रियान्वयन न होने के कारण लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि खंड विकास अधिकारी से लेकर उच्च स्तर के अधिकारी तीन-तीन ग्राम पंचायतों जिनमें एक अंबेडकर ग्राम पंचायत होगी, के वे प्रभारी के रूप में कार्य करेंगे। अनुसचिव ने डीएम को लिखा है कि ग्राम पंचायतों का आवंटन खंड विकास अधिकारियों एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों के लिए मुख्यालय से किया जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कि मुख्यालय स्तर से जिन बड़े अफसरों को योजनाओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है उनमें अब विभाग से हट चुके पूर्व सचिव मनोज कुमार सिंह को सोनभद्र जिले के विकास खंड क्रमश: चोपन व म्योरपुर, ग्राम्य विकास आयुक्त संजीव कुमार को बाराबंकी के बनी कोडर व रामनगर, अपर आयुक्त अनुराग यादव को बहराइच के शिवपुर व बलहा, अपर आयुक्त प्रशासन बादल चटर्जी को कौशाम्बी के सरसवां, विशेष सचिव आरएन सिंह को इलाहाबाद के करछना व बहरिया, संयुक्त सचिव सीताराम यादव को चंदौली के नौगढ़ व बरहनी, अपर आयुक्त महेश अग्निहोत्री को कानपुर देहात के मलासा, श्रवण खेड़ा व अकबरपुर, अपर आयुक्त बलिराम को जालौन के महेवा, रामपुरा व कदौरा, उपसचिव डीपी सिंह को कांशीरामनगर के सिढ़पुरा व अमापुर, अनुसचिव आरपी सिंह को जौनपुर के जलालपुर व महराजगंज, अनुसचिव राम सेवक को बरेली के शेरगढ़, रामनगर व भुता, वरिष्ठ उपायुक्त भारत यादव को छत्रपतिशाहूजी महराजनगर के तिलोई व शाहगढ़, वरिष्ठ उपायुक्त केएन लाल को हमीरपुर के कुरारा, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी शिवाकांत शुक्ला को रायबरेली के अमावा व बछरावां, उपायुक्त जगदीश सिंह को मिर्जापुर के कोन व राजगढ़, उपायुक्त सुभाष श्रीवास्तव को शाहजहांपुर के बांदा व जलालाबाद, उपायुक्त वीके सिंह को अंबेडकरनगर के टांडा व रामनगर, उपायुक्त वीके भागवत को वाराणसी के अराजलाइन व चिरगांव, सहायक आयुक्त पीके सिंह को उन्नाव के सुमेरपुर व नवाबगंज, सहायक आयुक्त अरविंद कुमार को कानपुर नगर के ककवन व विधनू, सहायक आयुक्त जगदीश त्रिपाठी को हरदोई के बावन व माधोगंज, सहायक आयुक्त सुशीला सिंह को आगरा के अचनेरा, आकोला व फतेहपुर सीकरी, सहायक आयुक्त प्रतिभा सिंह को सीतापुर के कसमंडा व पिसावां, लेखाधिकारी युग्गीलाल दीक्षित को श्रावस्ती के मिलौमा व हरिहरपुरसनी समेत 31 बड़े अफसरों को इन विकासखंडों की जिम्मेदारी दी गई है तथा ये अधिकारी अपने मातहत छोटे अफसरों को तीन-तीन ग्राम पंचायतों की देखरेख के लिए जिम्मा सौंपेंगे।

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