सरकार के पास बुतों के पैसे देने का बूता नहीं,
भाजपा के आदर्श दीनदयाल उपाध्याय भी मूर्तिकारों के बंधक
बुतों के बलबूते पिछले चार साल से लगातार सुर्खियों में रहीं माया मैडम ने अब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से भी किनारा कर लिया है। बसपा सरकार ने बाबा साहब की तैयार मूर्ति को मूर्तिकार के पास आठ साल से गिरवी रख रखा है। सरकार मूर्तिकार को पूरे पैसे का भुगतान ही नहीं कर रही है, जबकि 6,60,000 रुपए की कीमत वाली अंबेडकर की 15 फिट ऊंची कांस्य प्रतिमा मूर्तिकार पी राजीव नयन के पास बनी रखी है। न तो संस्कृति विभाग के पास फुर्सत है और न ही अंबेडकर के नाम पर सत्ता में आई माया सरकार के पास इतना पैसा है कि वह मूर्तिकार से मूर्ति लेकर उचित स्थान पर स्थापित कर दे।
लगता है कि मुख्यमंत्री मायावती का भी मूर्तियों से दिल भर गया है। अब उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, मान्यवर कांशीराम समेत अन्य बहुजन समाज से जुड़े प्रेरक महापुरुषों के बुत जगह-जगह खड़े करने से किनारा कस लिया है। अधिवक्ता एसपी मिश्र द्वारा आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में संस्कृति विभाग की जनसूचना अधिकारी अनुराधा गोयल ने 18 मई को लिखित रूप से बताया है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा मूर्तिकार के पास बनी रखी है। विभाग ने सिर्फ 75 प्रतिशत यानि 4,40,000 रुपए ही भुगतान किया है, अभी मूर्तिकार को 2,20,000 रुपए भुगतान करना बाकी है।
सिर्फ बहुजन समाज की विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले विचारक और उत्प्रेरक महापुरुषों की प्रतिमाएं ही मूर्तिकारों के पास बंधक नहीं हैं बल्कि समाजवादी राजनीति के पुरोधा रहे राज नारायण तथा कपरूरी ठाकुर की प्रतिमाएं भी मूर्तिकारों के पास बनी रखी हैं। नौ फिट ऊंची सीमेंट व कंक्रीट की 1 लाख 70 हजार रुपए की कीमत वाली स्व. कपरूरी ठाकुर की प्रतिमा के लिए संस्कृति विभाग ने अभी तक 1,27,500 रुपए का ही मूर्तिकार को भुगतान किया है। 42,500 रुपए मूर्तिकार को देने बाकी हैं। समाजवादी नेता स्व. राज नारायण की 2 लाख 75 हजार रुपए की कीमत वाली सात फिट ऊंची प्रतिमा भी मूर्तिकार डीआर सिंह सीपाल के पास बनी रखी है। विभाग ने 206250 रुपए ही भुगतान किए हैं। इसी प्रकार भाजपाइयों के राजनीतिक आदर्श पंडित दीन दयाल उपाध्याय की महज 35 हजार रुपए की कीमत वाली प्रतिमा भी मूर्तिकार ललित कुमार गुप्ता के पास बंधक है। वर्ष 2001 में ही तत्कालीन भाजपा सरकार ने दीन दयाल की इस प्रतिमा को बनाने का आदेश दिया था। संस्कृति विभाग ने 35 हजार में से 26250 रुपए का ही मूर्तिकार को भुगतान किया। भाजपा सरकार ने वर्ष 2001 में ही रानी अहिल्या बाई होलकर, महारानी दुर्गावती, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पांडेय और सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमाएं बनाए जाने का आदेश दिया था। इन सभी की प्रतिमाएं मूर्तिकारों के पास बंधक के रूप में रखी हैं।
इसके साथ ही मूर्तिकारों के पास सम्राट चन्द्रगुप्त, स्व. चन्द्रभान गुप्ता, गणेश शंकर विार्थी, वीर लाखा बंजारा, राहुल सांस्कृत्यायन, महाराणा प्रताप की तीन प्रतिमाएं समेत स्व. नरायण सिंह, डॉ. काशी प्रसाद जायसवाल, पं. ब्रजभूषण मिश्र, राम कृष्ण खत्री, सी वाई चिंतामणि, स्व. सालिग राम जायसवाल, श्राज नरायण व गौरी भइया की मूर्तियां मूर्तिकारों के पास बनी रखी हैं। संस्कृति विभाग के अनुसार मार्च 2011 तक डॉ. भीमराव अंबेडकर, कपरूरी ठाकुर, झलकारी बाई, महराजा अग्रसेन व चौधरी चरण सिंह की मूर्तियां स्थापित करवा दीं और शेष पैसे मूर्तिकारों को नहीं दिए।
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