Wednesday, 20 April 2011

वसूली का फंडा, अफसरों पर डंडा


बकाया मनोरंजन कर पर समाधान योजना का शासनादेश जारी
जैसे-जैसे सरकार के दिन गिनती के बच रहे हैं टैक्स वसूली वाले विभागों का गला सरकारी फरमानों से और कसता चला जा रहा है। बीते चार सालों में राज्य सरकार मनोरंजन के क्षेत्र में भले ही कोई उपलब्धि हासिल न कर पाई हो मगर वह हर साल मनोरंजन कर विभाग का गला कसने में कोई कोताही नहीं बरती।
 
अब जाते-जाते 286 करोड़ की वसूली का फरमान यह कहते हुए सरकार ने जारी किया है कि इस लक्ष्य का फिर से पुनर्निधारण किया जा सकता है। सरकार की ओर से मनोरंजन कर आयुक्त कैप्टन एसके द्विवेदी ने अफसरों को सचेत कर दिया है कि सरकार के फंडे पर अफसर काम नहीं करेंगे तो उनके ऊपर डंडे चलेंगे। मनोरंजन कर आयुक्त कैप्टन एसके द्विवेदी ने मनोरंजन कर अधिकारियों से कहा है कि केबिल नेटवर्क पर वर्ष 2003-04 से वर्ष 2009-10 तक उनके केन्द्रों व आपरेटरों द्वारा यदि बकाया मनोरंजन कर पर नियमानुसार देय ब्याज का 50 प्रतिशत अधिरोपित मनोरंजन कर एवं शास्ति की धनराशि एकमुश्त रूप में समाधान योजना का शासनादेश के जारी होने के 90 दिन के अन्दर जमा कर दी जाती है तो अवशेष 50 प्रतिशत ब्याज माफ कर दिया जाएगा। आयुक्त ने अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया है कि बकाया वसूली के लिए सभी केबिल आपरेटरों से तत्काल वसूली का कार्य किया जाय। इसके साथ ही तीन करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य से अधिक लक्ष्य वाले जिलों में जहां संयोजनों की संख्या उस जनपद की जनसंख्या के अनुरूप ज्यादा होनी चाहिए वहां कनेक्शनों की संख्या कम कर दर्शायी जा रही है। इसलिए अधिकारी केबिल आपरेटरों का चक्कर लगाना शुरू कर दें तथा अभियान चलाकर कनेक्शनों की गणना करें।

उन्होंने जिला मनोरंजन कर अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा है कि वे यह न समझें कि यह कह कर हम शांत बैठ जाएंगे। मुख्यालय स्तर से अधिकारियों की टीम जिलों में जाकर औचक निरीक्षण करेगी। कैप्टन द्विवेदी ने आठ अप्रैल को विभागीय समीक्षा बैठक में शासन द्वारा इस वर्ष का राजस्व लक्ष्य 286 करोड़ रुपए तय करने का फरमान भी जिला मनोरंजन कर अधिकारियों को सुनाया है।

इसके साथ यह भी कहा है कि अगर सरकार को यह लक्ष्य कम लगा तो इसे बढ़ाया भी जा सकता है। मनोरंजन कर विभाग ने केबिल टीवी, वीडियो गेम, मनोरंजन वाटर पार्क तथा केबिल टीवी में देय ब्याज की वसूली के लिए समाधान योजना का लालीपाप दिया है। मगर लगता है कि विभाग केबिल टीवी आपरेटरों की नकेल कसने की एक बार फिर से तैयारी कर ली है। मनोरंजन कर आयुक्त ने इस सम्बंध में कहा है कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि बीते वर्ष जो केबिल टीवी आपरेटर समाधान योजना का विकल्प अपनाए हैं इसके सापेक्ष इस वर्ष समाधान अपनाने वाले केबिल आपरेटरों की संख्या में कमी न आने पाए। उन्होंने कहा है कि जहां समाधान की संख्या कम होगी तो माना जाएगा कि जिलों के अधिकारियों की वजह से यह कमी आई है। अब अफसरों की मजबूरी है कि जो लक्ष्य सरकार ने मनोरंजन कर वसूली का तय किया है उसे हर हालत में करना ही करना है, नहीं तो मनोरंजन कर आयुक्त का डंडा चलना ही चलना है।

2 comments:

  1. सही प्रस्तुति किये हैं आप| सही समय पर सही पोस्ट | धन्यवाद |

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