व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं कौशल सुधार योजना में लाखों का वारा न्यारा
अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम के अफसर किसी भी योजना में अपना हाथ दिखाने से नहीं चूकते हैं। अल्पसंख्यक वर्ग के अफसर जरूरतमंदों के नाम पर मिलने वाले पैसों को चट करने का पूरा खाका पहले से ही तैयार रखते हैं। अफसरों के रवैए को देखते हुए राज्य सरकार ने भी अब अपना हाथ पीछे खींच लिया है। मगर सरकार द्वारा दिए गिने-चुने पैसों पर भी अफसर हाथ साफ कर ही देते हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं कौशल सुधार योजना में अफसरों ने अपनी चहेती प्रशिक्षण संस्थाओं को काम देकर 13 लाख 27 हजार का आखिरकार वारा-न्यारा कर ही डाला।
निगम सूत्रों के मुताबिक अफसरों ने प्रशिक्षण संस्थाओं को चुनने में न तो स्थापित मानकों का पालन किया और न ही योजना के उद्देश्य के मुताबिक जरूरतमंद प्रशिक्षणार्थियों की खोजबीन की खानापूर्ति की। निगम में यह चर्चा आम है कि अफसरों की चहेती प्रशिक्षण संस्थाओं को तय कमीशन के आधार पर धन आवंटित करवा लिया गया। इसमें इलाहाबाद के कायनात ब्यूटी पार्लर में ब्यूटीशियन के 10 प्रशिक्षणार्थियों के लिए 24 हजार रुपए, बाराबंकी की शिल्प श्री महिला सेवा समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार रुपए, बस्ती के सुमन ग्रामीण विकास सेवा संस्थान को सिलाई कटाई प्रशिक्षण के लिए 18 हजार, कुशीनगर के लोक जनकल्याण समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, कुशीनगर की ही स्व. श्रीमती रामझारी देवी महिला उत्थान समाजसेवी संस्थान को भी सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, मुजफ्फरनगर की आस्था युवा समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, महराजगंज के अलहुदा वेलफेयर एसोसिएशन को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, हरदोई के आलिया बी प्रशिक्षण केन्द्र को 18 हजार, पीलीभीत के सेक्रेड एजूकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 25 हजार रुपए, पीलीभीत के ही मॉनार्च इंजीनियर्स को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए 50 हजार रुपए, मिर्जापुर के सोशल वेलफेयर अपलिफ्टमेंट को सिलाई कटाई में प्रशिक्षण के लिए 24 हजार रुपए, अंबेडकर नगर में पूरन एजूकेशनल सोसाइटी को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, कानपुर देहात में ग्रामीण हस्तकला विकास समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, रायबरेली में मीर वाजिद अली बाल जगत स्वयं सेवा समिति को ब्यूटीशियन के लिए 24 हजार, सुलतानपुर में मॉर्डन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए 50 हजार, संत कबीरनगर में अंबेडकर शिक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार तथा वाराणसी में माइकाजेनिथ कम्प्यूटर सोसाइटी को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए 75 हजार दिया गया है।
गोरखपुर में कृष्णा टेक्निकल एण्ड एजूकेशनल इंस्टीट्यूट को मोबाइल रिपेयरिंग के लिए 30 हजार, गोरखपुर के ही महिला सिलाई कढ़ाई बुनाई प्रशिक्षण केन्द्र को फैशन डिजायनिंग के लिए 30 हजार, लखनऊ के रफत फाउंडेशन को फैशन डिजायनिंग के लिए 30 हजार तथा लखनऊ के ही पायनियर फाउंडेशन को ब्यूटीशियन के लिए 24 हजार, सेक्रेड एजूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसाइटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 25 हजार, हजरत अली एजूकेशन सोसाइटी को ब्यूटीशियन के लिए 24 हजार, एशियन टीवी न्यूज एण्ड एशियन टीवी प्रोडक्शन हाउस को मास कम्यूनिकेशन में प्रशिक्षण के लिए 40 हजार, निब्बल कम्प्यूटर एण्ड डिजायनिंग इंस्टीट्यूट को कम्प्यूटर के लिए 50 हजार, मेसर्स फ्यूचर को कम्प्यूटर के लिए 50 हजार, हिन्द कम्प्यूटर्स को भी 50 हजार, नवचेतना महिला कल्याण समिति को मोबाइल रिपेयरिंग के लिए 30 हजार, सरस्वती देवी जन कल्याण संस्थान को कटाई सिलाई के लिए 18 हजार, अलफता स्टेडेंट सोसाइटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 50 हजार तथा अंसारी सेवा संस्थान को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार रुपए प्रशिक्षण के लिए दिया गया है।
अफसरों ने लखनऊ के ही ज्यादातर प्रशिक्षण संस्थाओं को तवज्जो दिया है जिसमें से कुछ संस्थाएं तो दूसरे जिलों में भी काम कर रही हैं। इसी प्रकार गाजीपुर जिले के एमएचडब्लूएच कम्प्यूटर एजूकेशन सोसाइटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 25 हजार, प्रतापगढ़ में मेसर्स सृजन को मोबाइल रिपेयरिंग के लिए 30 हजार तथा फैजाबाद के रायल एजूकेशन एण्ड सोशल वेलफेयर सोसाइटी को 75 हजार रुपए दिया गया है। चेहते संस्थाओं को दिए पैसों व अन्य अनियमितताओं पर डीएनए संवाददाता ने निगम के महाप्रबंधक मसऊद अख्तर से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने फोन ही काट दिया।
अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम के अफसर किसी भी योजना में अपना हाथ दिखाने से नहीं चूकते हैं। अल्पसंख्यक वर्ग के अफसर जरूरतमंदों के नाम पर मिलने वाले पैसों को चट करने का पूरा खाका पहले से ही तैयार रखते हैं। अफसरों के रवैए को देखते हुए राज्य सरकार ने भी अब अपना हाथ पीछे खींच लिया है। मगर सरकार द्वारा दिए गिने-चुने पैसों पर भी अफसर हाथ साफ कर ही देते हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं कौशल सुधार योजना में अफसरों ने अपनी चहेती प्रशिक्षण संस्थाओं को काम देकर 13 लाख 27 हजार का आखिरकार वारा-न्यारा कर ही डाला।
निगम सूत्रों के मुताबिक अफसरों ने प्रशिक्षण संस्थाओं को चुनने में न तो स्थापित मानकों का पालन किया और न ही योजना के उद्देश्य के मुताबिक जरूरतमंद प्रशिक्षणार्थियों की खोजबीन की खानापूर्ति की। निगम में यह चर्चा आम है कि अफसरों की चहेती प्रशिक्षण संस्थाओं को तय कमीशन के आधार पर धन आवंटित करवा लिया गया। इसमें इलाहाबाद के कायनात ब्यूटी पार्लर में ब्यूटीशियन के 10 प्रशिक्षणार्थियों के लिए 24 हजार रुपए, बाराबंकी की शिल्प श्री महिला सेवा समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार रुपए, बस्ती के सुमन ग्रामीण विकास सेवा संस्थान को सिलाई कटाई प्रशिक्षण के लिए 18 हजार, कुशीनगर के लोक जनकल्याण समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, कुशीनगर की ही स्व. श्रीमती रामझारी देवी महिला उत्थान समाजसेवी संस्थान को भी सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, मुजफ्फरनगर की आस्था युवा समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, महराजगंज के अलहुदा वेलफेयर एसोसिएशन को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, हरदोई के आलिया बी प्रशिक्षण केन्द्र को 18 हजार, पीलीभीत के सेक्रेड एजूकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 25 हजार रुपए, पीलीभीत के ही मॉनार्च इंजीनियर्स को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए 50 हजार रुपए, मिर्जापुर के सोशल वेलफेयर अपलिफ्टमेंट को सिलाई कटाई में प्रशिक्षण के लिए 24 हजार रुपए, अंबेडकर नगर में पूरन एजूकेशनल सोसाइटी को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, कानपुर देहात में ग्रामीण हस्तकला विकास समिति को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार, रायबरेली में मीर वाजिद अली बाल जगत स्वयं सेवा समिति को ब्यूटीशियन के लिए 24 हजार, सुलतानपुर में मॉर्डन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए 50 हजार, संत कबीरनगर में अंबेडकर शिक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार तथा वाराणसी में माइकाजेनिथ कम्प्यूटर सोसाइटी को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए 75 हजार दिया गया है।
गोरखपुर में कृष्णा टेक्निकल एण्ड एजूकेशनल इंस्टीट्यूट को मोबाइल रिपेयरिंग के लिए 30 हजार, गोरखपुर के ही महिला सिलाई कढ़ाई बुनाई प्रशिक्षण केन्द्र को फैशन डिजायनिंग के लिए 30 हजार, लखनऊ के रफत फाउंडेशन को फैशन डिजायनिंग के लिए 30 हजार तथा लखनऊ के ही पायनियर फाउंडेशन को ब्यूटीशियन के लिए 24 हजार, सेक्रेड एजूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसाइटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 25 हजार, हजरत अली एजूकेशन सोसाइटी को ब्यूटीशियन के लिए 24 हजार, एशियन टीवी न्यूज एण्ड एशियन टीवी प्रोडक्शन हाउस को मास कम्यूनिकेशन में प्रशिक्षण के लिए 40 हजार, निब्बल कम्प्यूटर एण्ड डिजायनिंग इंस्टीट्यूट को कम्प्यूटर के लिए 50 हजार, मेसर्स फ्यूचर को कम्प्यूटर के लिए 50 हजार, हिन्द कम्प्यूटर्स को भी 50 हजार, नवचेतना महिला कल्याण समिति को मोबाइल रिपेयरिंग के लिए 30 हजार, सरस्वती देवी जन कल्याण संस्थान को कटाई सिलाई के लिए 18 हजार, अलफता स्टेडेंट सोसाइटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 50 हजार तथा अंसारी सेवा संस्थान को सिलाई कटाई के लिए 18 हजार रुपए प्रशिक्षण के लिए दिया गया है।
अफसरों ने लखनऊ के ही ज्यादातर प्रशिक्षण संस्थाओं को तवज्जो दिया है जिसमें से कुछ संस्थाएं तो दूसरे जिलों में भी काम कर रही हैं। इसी प्रकार गाजीपुर जिले के एमएचडब्लूएच कम्प्यूटर एजूकेशन सोसाइटी को कम्प्यूटर में प्रशिक्षण के लिए 1 लाख 25 हजार, प्रतापगढ़ में मेसर्स सृजन को मोबाइल रिपेयरिंग के लिए 30 हजार तथा फैजाबाद के रायल एजूकेशन एण्ड सोशल वेलफेयर सोसाइटी को 75 हजार रुपए दिया गया है। चेहते संस्थाओं को दिए पैसों व अन्य अनियमितताओं पर डीएनए संवाददाता ने निगम के महाप्रबंधक मसऊद अख्तर से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने फोन ही काट दिया।
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