Tuesday, 16 August 2011

माया तेरे काबीना में कैसे-कैसे मंत्री

अवधपाल के पास 200 कच्ची शराब की भट्ठियां
सरकारी विभागों से धन उगाही कराते हैं मंत्री
मंत्री अवधपाल सिंह यादव की दबंगई सिर्फ अपने राजनीतिक विरोधियों के विरुद्ध ही नहीं बल्कि दूसरे-दूसरे क्षेत्रों में भी उजागर हुई है। मसलन मंत्री जी धन उगाही का भी धंधा भी करते हैं। यहीं नहीं उनके कई और धंधों की कलई लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने यह कह कर खोल दी है कि सरकार एटा में बन रही कच्ची शराब पर जल्द रोकथाम करे और हो रहे सरकारी धन के नुकसान को रोके।

बसपानेत्री मायावती की सरकार ऐसे ही लोगों को क्लीन चिट देती है जो नख से सिख तक भ्रष्टाचार और अपराध में डूबे रहते हैं। बीते विधान सभा सत्र में पूरी की पूरी सरकार अवध पाल के गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए खड़ी दिखाई दी। ऐसे-ऐसे मंत्री अगर सरकार में रहेंगे तो जनता सुरक्षित कैसे रह सकती है यह सहज ही समझा जा सकता है। दरअसल धन उगाही का धंधा मंत्री जी का पुराना काम है। मगर यह खुलकर पहली बार सामने आया है और इसे लोकायुक्त ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में सार्वजनिक ही नहीं किया है अपितु मुख्यमंत्री को भी बताया है कि ऐसे-ऐसे मंत्री आपने पाल रखे हैं। मंत्री रहते उन्होंने सरकारी विभाग से धन उगाही के लिए दो प्राइवेट लोगों संजू यादव व अजीत यादव को रखा है। दोनों मंत्री के प्रतिनिधि के रूप में अवध पाल के नाम पर विभागीय अधिकारियों से अनुचित कार्य करा कर धन उगाही करते हैं। शिकायतकर्ता डा. सुबोध यादव ने संजू यादव व अजीत यादव द्वारा मंत्री के नाम पर धन उगाही का शपथ पत्र तक दिया था। वहीं धन उगाही की शिकायत पर जांच कर रहे लोकायुक्त को विभागीय अधिकारियों ने भी गोपनीय तरीके से बताया है कि ये दोनों प्राइवेट प्रतिनिधि धन उगाही करते हैं। मंत्री जी का कच्ची शराब बनाने का धंधा भी प्रकाश में आया है। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों की कच्ची शराब की लगभग 200 भट्टियां खोल रखी हैं। जिनमे वे लगभग 10 हजार लीटर कच्ची शराब अपने परिवार के लोगों से बनवाते हैं। इस कच्ची शराब की बिक्री से होने वाली सम्पूर्ण आय अवधपाल व उनके भाई चन्द्र प्रताप सिंह एमएलसी, पुत्र रणजीत सिंह व भतीजे सुरजीत को जाती है। लोकायुक्त ने कच्ची शराब बनाने की शिकायत की भी जांच की है तथा जांच रिपोर्ट में उन्होंने स्वीकार किया है कि एटा में कच्ची शराब के निर्माण का कार्य गतिमान होने के कारण आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम तैयार की जाय और सरकार की अभिसूचना इकाई से सूचना एकत्र कर कच्ची शराब बनवाने वाले राजनेताओं के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाई की जाय ताकि सरकार को राजस्व की हानि न हो।
विधायक निधि से कमीशन वसूला
मंत्री अवधपाल ने अपनी पूरी विधायक निधि का 95 प्रतिशत हिस्सा केवल स्कूल प्रबंधकों को निर्माण के लिए दिया है। उन्होंने इन प्रबंधकों से 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत कमीशन लिया है।

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