Monday 22 August 2011

मंत्री से ठेकेदार तक सब मालामाल

कैग रिपोर्ट में अधिशासी अभियंताओं व ठेकेदारों की मिलीभगत उजागर
पीडब्लूडी में पिछले चार सालों में दोनों हाथों से पैसे लुटाए गए। सड़कें भले ही न बनीं हों मगर मंत्री से लेकर इंजीनियर व ठेकेदार तक आदमी बन गए। पीडब्लूडी का कोई ऐसा सेक्शन नहीं है जहां पैसों का घालमेल न किया गया हो। प्रांतीय खंड जौनपुर में 1.75 करोड़ रुपए का घपला हुआ। ठेकेदारों की जेब में 1.51 करोड़ डाल दिया गया। ढुलाई कार्यो में दोगुनी दूरी बताकर 1.92 करोड़ रुपए भुगतान हुआ। क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं द्वारा करोड़ो रुपए अतिरिक्त खर्च कर दिए गए। विभाग में आमतौर पर चर्चा है कि यह सारा खेल बगैर विभागीय मंत्री के संभव नहीं है।
कैग की रिपोर्ट से साफ हो जाता है कि पीडब्लूडी में भ्रष्टाचार को लेकर न तो सरकार अपने ऊपर अंकुश लगा पाई और न ही विभागीय काम करते हुए इंजीनियरों पर कोई लगाम लगा सकी। जौनपुर जिले में इंडियन ऑयल कारपोरेशन मथुरा ने 728 इनवायसों द्वारा खंड को 10,688,350 मीट्रिक टन बिटुमिन 33.09 करोड़ लागत वाली की आपूर्ति अप्रैल 2006 से नवंबर 2009 की अवधि में की। इसमें से 1.75 करोड़ मूल्य के 43 इनवायस के 627.920 मीट्रिक टन बिटुमिन को खंडीय भंडार के लेखाओं में दर्ज नहीं किया गया था। अवर अभियंताओं ने 1.41 करोड़ मूल्य के 515.340 मीट्रिक टन बिटुमिन यानि 35 इनवायस को जो उनके द्वारा प्राप्त किया गया था उन्हें भंडार लेखाओं में दर्ज नहीं किया था। बिटुमिन की शेष मात्रा 112.580 मीट्रिक टन खंड को प्राप्त नहीं हुई थी। करीब 40 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया गया।
वर्ष 2007 में निविदा पत्रों में पारदर्शिता लाने के लिए मॉडल बिड डाक्यूमेंट का आरम्भ जनवरी में जारी कर प्रमुख अभियंता, जिलाधिकारियों एवं क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं को इसे अपनाने के निर्देश दिए गए थे। मॉडल बिड डाक्यूमेंट में यह प्राविधानित था कि ठेकेदार भारतीय तेल रिफाइनरियों से बिटुमिन की खरीद करेगा तथा भुगतान का दावा करते समय इन कम्पनियों द्वारा निर्गत मूल कनसाइनी रिसीट सर्टिफिकेट प्रस्तुत करेगा। मगर इसे तो कई खंडो में अपनाया ही नहीं गया। मॉडल बिड डाक्यूमेंट को अपनाने के स्थान पर अधीक्षण अभियंता आगरा एवं फैजाबाद ने अपने स्तर से नियमों व शर्तो में बदलाव कर लिया। जांच में यह पाया गया कि अधिशासी अभियंता निर्माण खंड प्रथम में ठेकेदारों को 1.51 करोड़ रुपए अनुचित तरीके से फायदा पहुंचाया गया। लोक निर्माण विभाग सुलतानपुर के तहत सुलतानपुर-रायबरेली मार्ग बनाने के लिए ठेकेदारों को 19.86 लाख रुपए लाभ पहुंचाया गया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्गत मानक के अनुसार प्लांट से कार्यस्थल तक वेट मिक्स व हाट मिक्स सामग्री की ढुलाई की दरों की गणना में आने एवं जाने की यात्रा शामिल होती है। इसमें भी अभियंताओं ने जबरदस्त घपला किया। शासन द्वारा फैजाबाद जनपद के तीन मार्गो के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 44.63 करोड़ स्वीकृत किया गया था। फैजाबाद के अधिशासी अभियंता ने एक ठेकेदार के साथ तीन अनुबंध कर लिए और उसकी जेब में 1.29 करोड़ रुपए डाल दिए। कैग रिपोर्ट के अनुसार कानपुर के अधिशासी अभियंता ने रमईपुर-सारा-जहानाबाद मार्ग के एक से 30 किलोमीटर तक के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए 20.04 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई। इस कार्य में अधीक्षण अभियंता ने 18.87 करोड़ का ही अनुबंध किया। डब्लूएमएम, बीएम एवं एसडीबीसी की सतह को बिछाने के लिए मिश्रण की ढुलाई में 62 लाख रुपए अधिक भुगतान कर दिया।

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