भूकेश ने सी एंड डीएस में किया था 185 करोड़ का घपला
सहगल समेत तीन आईएएस के खिलाफ राज्यपाल से मुकदमा चलाने की मांग
भ्रष्ट इंजीनियर पीके भूकेश को बना दिया सी एंड डीएस का निदेशक
सहगल समेत तीन आईएएस के खिलाफ राज्यपाल से मुकदमा चलाने की मांग
भ्रष्ट इंजीनियर पीके भूकेश को बना दिया सी एंड डीएस का निदेशक
लखनऊ। मुख्यमंत्री के सचिव और वरिष्ठ आईएएस अफसर नवनीत सहगल भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण देने के फन में भी माहिर हैं। अब देखिए न उन्होंने जल निगम के अध्यक्ष रहते भ्रष्ट इंजीनियर पीके भूकेश को निगम की निर्माण इकाई सी एंड डीएस यानि कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज का निदेशक बना दिया। जबकि सहगल साहब के पास यह पावर ही नहीं कि वे जल निगम के बतौर अध्यक्ष रहते किसी अफसर को निदेशक बना दें। मगर यह तो उनके बाएं हांथ का खेल है। पावर हो या न हो। उन्हें किसी पावर की जरूरत नहीं पड़ती है। माया मेमसाहब के रहते उनसे ज्यादा पावरफुल कौन है?
हिंदनगर कानपुर रोड निवासी महेन्द्र शुक्ल ने राज्यपाल को एक पत्र लिख कर तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल, एसआर लाखा, तथा अमल कुमार वर्मा की भ्रष्टाचार में संलिप्तता उजागर होने की बात कही है। उन्होंने इन तीनों अफसरों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की मांग की है। जल निगम के अधीक्षण अभियंता शिकायत एके सिंह ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में बताया है कि कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के मौजूदा निदेशक पीके भूकेश को कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन न करने, नियमों के अनुकूल काम न करने, निर्माण कार्यो में अनियमितता, आर्थिक क्षति पहुंचाने तथा विभाग की छवि धूमिल करने के मामले में दोषी पाए जाने पर वर्ष 2007 में बर्खास्त कर दिया गया था। तत्कालीन जल निगम के अध्यक्ष और मंत्री मो. आजम खां ने बर्खास्तगी का आदेश दिया था। मौजूदा निदेशक और इंजीनियर पीके भूकेश पर 185 करोड़ रुपए के हेरफेर का आरोप है। मालूम हो कि भ्रष्ट इंजीनियर और सी एंड डीएस के निदेशक पीके भूकेश के भ्रष्टाचार की जांच तत्कालीन वित्त निदेशक वीडी दोहरे, पूर्व मुख्य सचिव रविशंकर माथुर, आईएएस टीजार्ज जोसेफ, नगर विकास के सचिव डीसी मिश्रा, स्थानीय निकाय की निदेशक रेखा गुप्ता, विशेष सचिव एसपी मिश्रा द्वारा की गई। सभी अफसरों ने इंजीनियर पर लगे आरोपों को सिद्ध पाया और सभी ने कठोर कार्रवाई की संस्तुति की।
मगर दोष कितना भी हो अगर उसके पीठ पर बड़ों का हाथ है तो कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। यह साबित किया पीके भूकेश ने। अब देखिए असली खेल। तत्कालीन प्रमुख सचिव एसआर लाखा ने 9 जुलाई 2008 के दिन भूकेश को सेवा में बहाली का आदेश पारित कर दिया। बाकी का काम पूरा किया मुख्यमंत्री के सचिव और जल निगम के अध्यक्ष नवनीत सहगल ने। उन्होंने उसे 2 जुलाई 2009 को सी एंड डीएस का निदेशक बना दिया। शिकायतकर्ता महेन्द्र शुक्ला का कहना है कि सहगल ने भ्रष्ट इंजीनियर को निदेशक पर तैनाती नियमों के विपरीत जाकर की है। उन्हें निगम के अध्यक्ष रहते यह अधिकार ही नहीं है। श्री शुक्ल ने बताया कि 2007 में एक अधिनियम बनाया गया है कि जल निगम के अध्यक्ष का पद लाभ का पद नहीं समझा जाएगा। उसका निगम के प्रबंधकीय कृत्यों पर कोई अधिकार नहीं होगा। निगम के प्रबंधकीय कामों का निष्पादन प्रबंध निदेशक और निगम के अन्य अधिकारियों के नियंत्रण में होगा। शिकायतकर्ता ने कहा कि तब कैसे नवनीत सहगल ने भ्रष्ट इंजीनियर को सी एंड डीएस का निदेशक तैनात कर दिया।
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