मालदार केडीए और जीडीए में रंग जमाए हैं
अधीक्षण अभियंता बीके सोनकर
सूबे की मुखिया और बसपा नेत्री मायावती की वरदहस्त से किनारे हुए बाबू सिंह कुशवाहा की जगह अब अपना रंग दिखा रहे मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की प्रभुता जमकर हिलोरें मार रही है। मंत्री जी के इर्द-गिर्द रहने वाले अफसर और इंजीनियर भी खूब रंग जमाए हुए हैं। बीके सोनकर नाम के एक अधीक्षण अभियंता की तो जमकर तूती बोल रही है। इंजीनियर साहब सूबे के दो मालदार प्राधिकरणों कानपुर विकास प्राधिकरण और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में अपना कमाल दिखा रहे हैं। मसलन दोनों प्राधिकरणों में मंत्री जी की कृपा से वे तीन-तीन पद एक साथ थामे हुए हैं। मजाल क्या है कोई उन पर हाथ डाल दे?
सत्ता के गलियारों में इन दिनों न सिर्फ पीडब्लूडी, सिंचाई व आवास समेत डेढ़ दर्जन विभागों के मुखिया नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पावर की गूंज रहती है बल्कि उनके सरपरस्ती में निष्ठा रखने वाले अफसर और इंजीनियर भी पूरे यूपी में धाक जमाए हुए हैं। मंत्री जी के सानिध्य में रहने वाले एक इंजीनियर साहब की पोल आरटीआई के जरिए खुल ही गई। लखनऊ निवासी व अधिवक्ता एसपी मिश्र ने केडीए, आवास विभाग व शासन से यह सूचना मांगी थी कि अधीक्षण अभियंता वीके सोनकर कानपुर विकास प्राधिकरण में न सिर्फ कार्यवाहक मुख्य अभियंता हैं बल्कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में भी अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात हैं। इसका जवाब न तो शासन कारगर तरीके से दे पाया और न ही सरकार के पसंदीदा अफसर रहे और वर्तमान में प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त रणजीत सिंह पंकज यह सूचना दिलवा पाए। सीआईसी ने तो इस मामले को यह कह कर निस्तारित कर दिया कि आवेदनकर्ता सूचना आयोग की बजाय किसी और सक्षम फोरम पर गुहार लगाए। इस मामले में शासन के अनु सचिव और जनसूचना अधिकारी बराती लाल ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है कि कानपुर विकास प्राधिकरण में मुख्य अभियंता का पद जुलाई 2010 से रिक्त पड़ा है। मुख्य अभियंता का पद कितने दिन तक रिक्त रखा जा सकता है, इस सम्बंध में नियमों में कोई व्यवस्था नहीं है। सोनकर केडीए में अधीक्षण अभियंता की जिम्मेदारी के साथ 17 जुलाई 2010 से मुख्य अभियंता का कार्य भी देख रहे हैं। अधिवक्ता एसपी मिश्र का कहना है फिर सोनकर द्वारा गाजियाबाद में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनाती का क्या औचित्य है? केडीए की विशेष कार्याधिकारी रेनू पाठक ने कहा है कि मुख्य अभियंता का पद केन्द्रीयित सेवा का पद है। इस पर नियुक्ति शासन द्वारा की जाती है। मगर शासन ने अभी तक केडीए में मुख्य अभियंता के पद पर किसी की तैनाती क्यों नहीं की? पता चला है कि सम्बंधित विभाग के मुखिया और मंत्री जी की कृपा से ही बीके सोनकर दोनों प्राधिकरणों में जमे हुए हैं। उधर आरटीआई के जरिए यह भी पता चला है कि अयोध्या-फैजाबाद, गोरखपुर, मथुरा-वृन्दावन व खुर्जा विकास प्राधिकरण में अधीक्षण अभियंता के पद रिक्त हैं। इसके साथ ही कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर में मुख्य अभियंता के पद भी रिक्त पड़े हुए हैं। चर्चा यह भी है रिक्त पड़े पदों पर मंत्री जी के सानिध्य वाले अभियंता बागडोर सभाले हैं। यही नहीं मंत्री जी की कृपा से ही प्राधिकरण केन्द्रीयित सेवा के मुख्य अभियंता एससी मिश्र की तैनाती आवास बंधु में हो गई है। तो भला किसकी हिम्मत है कि रिक्त पड़े पदों पर मुख्य अभियंताओं व अधीक्षण अभियंताओं की नियुक्ति बिना उनसे पूछे करे।