Thursday, 20 October 2011

5 करोड़ का प्लाट 90 लाख में बेचा


लघु उोग निगम के अफसरों का खेल, 600 ट्रक कोयला गायब कर बाजार में बेचा

यूपी में लघु उोग भले ही पनप नहीं पा रहे हों मगर लघु उोग निगम लिमटेड के अफसर जरूर मालामाल हो गए हैं। निगम में लौह-इस्पात योजना देख रहे अजय शर्मा ने बिना गारंटी के मेसर्स अनुज स्टील को पांच करोड़ रुपए का लोहा उधार दे दिया। वह काम छोड़ कर भाग गया। निगम अपने पास से छह करोड़ स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भुगतान कर रहा है। यही नहीं साहब ने 600 ट्रक कोयला गायब करवा कर बाजार में बिकवा दिया। निगम को बेचने पर आमादा अफसर ने आगरा में लघु उोग निगम का पांच करोड़ रुपए का प्लाट 90 लाख में प्राइवेट हाउसिंग कम्पनी के हाथों बिकवा दिया।

कानपुर के रवि शुक्ला ने निगम अफसर अजय शर्मा की शिकायत मुख्यमंत्री मायावती से की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि लघु उोग निगम लघु उोग इकाइयों को कच्चा माल उपलब्ध कराता है। इसमें कोयला, लोहा व पीतल आदि शामिल हैं। निगम में लौह-इस्पात की योजना देख रहे अजय शर्मा ने बिना गारंटी के मेसर्स अनुज स्टील को पांच करोड़ का लोहा उधार दे दिया। वह वर्ष 2000 में काम छोड़ कर भाग गया जिससे निगम को छह करोड़ का नुकसान हुआ। यह पैसा निगम द्वारा स्टील अथॉॅरिटी ऑफ इंडिया को दिया जा रहा है। शर्मा के रसूख के चलते कोई कार्रवाइ्र नहीं हुई अलबत्ता उसे पुरस्कार में कोयला की योजना अलग से दे दी गई। कोयला का इंचार्ज बने शर्मा ने यहां भी अपना हाथ दिखाना शुरू कर दिया। वर्ष 2006 में कोयले के एमओयू होल्डर्स मेसर्स दयाल फ्यूल को सड़क से ट्रकों के द्वारा कोयला लाने के लिए 600 फार्म -31 उपलब्ध करा दिए गए। मेसर्स के साथ मिलकर शर्मा द्वारा 600 ट्रक कोयला गायब करवा कर बाजार में बिकवा दिया गया। जिसका हिसाब शर्मा ने अभी तक नहीं दिया है। उन्होंने लघु उोग इकाइयों से कोई कर नहीं लिया था जिससे स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा निगम से व्यापार कर के मद में 1.50 करोड़ वसूले गए जो उसे अपने पास से भुगतान करना पड़ा। इस हरकत पर डिप्टी एकाउंटेंट जनरल ने ऑडिट में साफ लिखा कि शर्मा ने निगम का 1.90 करोड़ का नुकसान किया है। मगर इसे दबा दिया गया।

निगम के उप मुख्य प्रबंधक लेखा शर्मा प्रॉपर्टी अनुभाग के भी प्रभारी हैं। उन्होंने आगरा के संजय प्लेस में स्थित निगम के पांच करोड़ रुपए वाले प्लाट को 90 लाख रुपए में प्राइवेट हाउसिंग कम्पनी के हाथों बिकवा दिया। शर्मा ने सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे इस प्रकरण को वापस कराकर उसकी रजिस्ट्री हाउसिंग सोसाइटी के पक्ष में करा दी। मुख्यमंत्री से अजय शर्मा के खिलाफ शिकायत पर निगम के प्रबंध निदेशक राज मंगल ने डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट से कहा कि मुझे अभी चार महीने आए हुआ है। इन मामलों में शासन स्तर पर जांच चल रही है। कोयले वाले मामले में सीबीआई जांच चल रही है।लघु उोग निगम के प्रबंध निदेशक राज मंगल पहले ऐसे दलित अफसर हैं जिन पर सरकार मेहरबान है। प्रमुख सचिव कुंवर फतेह बहादुर के चहेते साहब को यूपिका और हैंडलूम का भी प्रभार सौंप दिया गया है। 1981 बैच के पीसीएस अफसर को निगम में फैले भ्रष्टाचार पर फोन से बात करना पसंद नहीं है। कहते हैं कि बात करनी हो तो कानपुर आइए।

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