Thursday, 13 October 2011

नियम-कानून?.. बनाने वाले ही जानें

संरक्षित स्मारकों के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण पर बोले डीएम
 कमिश्नर ने देखेंगे कह कर पल्ला झाड़ा
सरकारी इमारतें भी अवैध

समेट्री चिरैया झील के आस-पास प्रतिबंधित इलाके में अवैध आलीशान इमारतें, व्यावसायिक काम्प्लेक्स, बड़ी-बड़ी मोटर व ऑटोमोबाइल कम्पनियों के शोरूम तथा बेशकीमती दुकानों का संरक्षक पुरातत्व विभाग न सिर्फ अपनी नाकामियों पर पर्दा डाले बैठा है बल्कि गैरकानूनी तरीके से बनाए गए भवनों को हटाने के लिए सरकारी तंत्र की मदद लेने का पहल भी नहीं कर रहा है। विभाग सिर्फ अवैध निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी कर सरकारी मशीनरी या फिर कोर्ट की सक्रियता का बाट जोह रहा है। पुरातत्व विभाग तो उदासीन है ही लखनऊ के कमिश्नर, डीएम, नगर आयुक्त तथा डीआईजी तक गैरकानूनी तरीके से बने भवनों को हटाने में बेबश हैं।

दरअसल केन्द्रीय संरक्षित चिरैया झील के 100 मीटर वाला प्रतिबंधित क्षेत्र मूल रूप से हजरतगंज में आता है। यहां ज्यादातर बड़े व्यावसायियों की दुकानें, होटल, व्यावासायिक काम्प्लेक्स, मोटर गाड़ियों के शोरूम व अन्य प्रतिष्ठान हैं। इस नाते अवैध निर्माणकर्ताओं के सम्बंध राजनेताओं, नौकरशाहों व पुलिस प्रशासन से होने के कारण पुरातत्व विभाग बौना पड़ जाता है और वह स्वयं इसमें रुचि लेना बंद कर देता है। विभाग और प्रशासन की सांठ-गांठ का फायदा उठाते हुए अवैध निर्माणकर्ता पैसे व अन्य तरकीबों से अपना बचाव करते हैं। संरक्षित चिरैया झील के प्रतिबंधित क्षेत्र में विभाग ने मोहम्मद दाऊद के सप्रू मार्ग स्थित अवैध निर्माण, सिटी फाइनेंस भवन, दुर्गमा रेस्टोरेंट, प्रबंधक मिशनरीज ऑफ चैरिटी ट्रस्ट, प्रेम नगर निवासी धनराज का भवन संख्या 22, अशोक ठुकराल, सर्वोदय कालोनी निवासी सीएस श्रीवास्तव, उत्तम आहुजा, वीरेन्द्र गुप्ता निखलेश पैलेस अशोक मार्ग, परमजीत सिंह, अशोक मार्ग के पीछे अजय गुप्ता, राहुल गुप्ता, जवाहर लाल जायसवाल, सप्रू मार्ग पर जैदीप माथुर, महिन्द्रा शोरूम, अशोक टावर, तेज कुमार, पुलिस अधीक्षक गोपनीय शाखा के सामने श्रवण प्लाजा, शाहनजफ मार्ग स्थित हिन्दुस्तान मोटर्स, सर्वोदय कालोनी निवासी श्रीमती गीता मिश्रा, प्रेमनगर निवासी धरराज व राजीव, सप्रू मार्ग पर डा. रवि दुबे, शुक्ला बिजनेस प्वांइट, सर्वोदय कालोनी के एके घई, राणा प्रताप मार्ग पर परमार हाऊस को नोटिस जारी किया है।

आरटीआई के जरिए पुरातत्व विभाग व प्रशासन की लापरवाही उजागर करने वाले अधिवक्ता एसपी मिश्र का कहना है कि नियम और कानून सिर्फ कागजों पर बनाए गए हैं। केन्द्रीय संरक्षित स्मारक शाहनजफ इमामबाड़ा व सिमेट्री चिरैया झील के प्रतिबंधित क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को लेकर पुरातत्व विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा ही है साथ ही लखनऊ के मंडलायुक्त व डीएम ने भी खामोशी ओढ़ रखी है। डीएनए ने जब इस सम्बंध में मंडलायुक्त प्रशांत त्रिवेदी से बात की तो उन्होंने विवाद से बचते हुए कहा कि हम इसे देखेंगे। वहीं लखनऊ के डीएम ने कहा कि अवैध निर्माण नहीं हट पाएंगे। पुरातत्व विभाग द्वारा स्थापित नियम और कानून पर उन्होंने कहा कि नियम-कानून बनाने वाले ही इसे जानें।

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