Wednesday, 19 October 2011

ऐक्टिविस्ट को सूचना आयुक्त ने बनाया बंधक


वयोवृद्ध आरटीआई ऐक्टिविस्ट से माफीनामा लिखवाया

यूपी में सूचना के कानून को बंधक बना चुकी राज्य की मौजूदा सरकार के साथ-साथ सूचना आयोग में सरकार द्वारा नियुक्त सूचना आयुक्त भी कानून को बंधक बनाने का दुस्साहस करने लगे हैं। मंगलवार को राज्य सूचना आयुक्त बृजेश कुमार मिश्रा ने तो हद ही कर दी तथा अपने संवैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण करते हुए आरटीआई ऐक्टिविस्ट 73 वर्षीय वयोवृद्ध तुलसी बल्लभ गुप्ता को न सिर्फ पुलिस के जरिए बंधक बनाया बल्कि दबाव डालकर उलटे उनसे माफीनामा भी लिखवा लिया।

आरटीआई ऐक्टिवस्टिों के साथ ज्यादती का यह पहला मामला नहीं है। ऐक्टिविस्ट तुलसी बल्लभ गुप्ता का मामला मंगलवार को सूचना आयुक्त बृजेश कुमार मिश्र की कोर्ट में लगा था। उन्होंने लखनऊ के जिला विालय निरीक्षक द्वितीय के जनसूचना अधिकारी से प्राइमरी स्कूलों की सूची मांगी थी जिनमें अध्यापक-अध्यापिकाओं की नियुक्ति होनी थी। उसमें कितने पद आरक्षित हैं तथा कितने सामान्य वर्ग के हैं? अध्यापिकाओं की पात्रता व चयन प्रक्रिया संबंधी अनेक सूचनाएं मांगी थी। मगर जनसूचना अधिकारी ने कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई। वयोवृद्ध कार्यकर्ता ने सूचना दिलाने के लिए सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को सूचना आयुक्त बृजेश मिश्रा की कोर्ट में यह मामला सुनवाई के लिए लगा था। श्री मिश्र ने उनसे पूछा कि जो आवेदन जिला विालय निरीक्षक के यहां की है उसमें सूचना मांगने का 10 रुपए की शुल्क रसीद कहां है? जवाब में श्री गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 10 रुपए नगद दिया था मगर जनसूचना अधिकारी ने रसीद नहीं दी। इसी बात को लेकर सूचना आयुक्त और वादी में नोक-झोंक होने लगी। श्री गुप्ता ने बताया कि वे गुस्से में कुछ ज्यादा ही तेज स्वर में अपनी दलील देने लगे। इस बात से नाराज होकर सूचना आयुक्त ने तत्काल पुलिस को बुलाकर कस्टडी में लेने का आदेश दे दिया। इसके साथ ही आदेश लिखाने लगे कि मैने शोर मचाया और एक ही प्रकरण पर कई आवेदन दे रखा है।

श्री गुप्त ने बताया कि सूचना आयुक्त ने उन्हें एक शपथपत्र दायर करने को कहा है कि उनके सारे वादों की सुनवाई एक साथ की जाय। मगर यह आरटीआई की मंशा के विपरीत है। सूचना आयुक्त अफसरों के दबाव में सूचनाएं नहीं दिलवाना चाहते हैं। इसके पहले राज्य सूचना आयुक्त सुनील कुमार चौधरी से भी ऐक्टिविस्ट का वाद-विवाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में होने वाली अध्यापकों की भर्ती में शिक्षकों की पात्रता व प्रारूप संबंधी मांगी गई सूचना पर हो चुका है। डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट ने जब सूचना आयुक्त बृजेश कुमार मिश्र से इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को शपथपत्र दायर करने को कहा गया है जिससे एक ही विषय पर अलग-अलग सुनवाई न की जा सके। श्री मिश्र ने बताया कि इस ऐक्टिविस्ट ने सैकड़ों मामले दायर कर रखे हैं। इससे दूसरे मामलों की सुनवाई में अड़चन पैदा होती है। दूसरे उसने सुनवाई के दौरान अनुशासनहीनता भी करने की कोशिश की। बाद में लिखित माफीनामे के बाद उसे छोड़ दिया गया।

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