शिकायतकर्ता के पास कमीशन मांगने वाली ऑडियो सीडी
कमीशन मांगने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा
पंचायतीराज विभाग में सिर्फ एक ही डीएस श्रीवास्तव नहीं हैं बल्कि ऐसे कइयों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। विभाग के एक दूसरे विशेष सचिव व बीआरजीएफ का कामकाज देख रहे राजेन्द्र गोयल ने तो कमीशन लेने की खातिर सारी हदें ही पार कर दीं। उन्होंने क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत कराए गए प्रशिक्षण कार्य में सेवा प्रदाता एजेंसियों से खुलेआम डेढ़ करोड़ रुपए कमीशन मांगा है। खुल्लम-खुल्ला 40 प्रतिशत कमीशन मांगने की बात अब हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में वह ऑडियो सीडी भी साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत की है जिसमें विशेष सचिव गोयल साहब 40 परसेंट कमीशन एडवांस मांग रहे हैं।कमीशन मांगने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा
याचिकाकर्ता इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरप्राइज साइंस इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट ने पंचायतीराज विभाग के विशेष सचिव व बीआरजीएफ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेन्द्र गोयल के खिलाफ न सिर्फ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में कमीशन लेने व अन्य भ्रष्टाचार सम्बंधी याचिका प्रस्तुत की है बल्कि मुख्यमंत्री मायावती से भी इसकी शिकायत की है। मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में शिकायतकर्ता संस्था ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि में करोड़ों रुपए राज्य को मिल रहा है। वर्तमान में इस योजना को विशेष सचिव एवं परियोजना निदेशक राजेन्द्र गोयल देख रहे हैं। विशेष सचिव परियोजना के तहत काम कर रहीं सेवा प्रदाता एजेंसियों को काम के एवज में अभी तक आंशिक रूप से ही धन का भुगतान किया गया है। जब सेवा प्रदाता एजेंसियों ने पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव बीएम मीना से इस बाबत सम्पर्क किया तो उन्होंने श्री गोयल से मिलकर उनके द्वारा बताई गई शर्तो के अनुसार कार्य करने के लिए कहा। एजेंसी द्वारा यह आरोप लगाने से साफतौर पर स्पष्ट हो जाता है कि प्रमुख सचिव भी कहीं न कहीं इस मामले में लिप्त हैं। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता एजेंसी ने प्रमुख सचिव को भी पार्टी बनाया है।
बीआरजीएफ के तहत क्षमता विकास में कराए गए प्रशिक्षण कार्य व अन्य कार्यो का शेष भुगतान 3,05,32,115.00 रुपए के लिए सेवा प्रदाता एजेंसी के संचालक ने जब विशेष सचिव राजेन्द्र गोयल से इस सम्बंध में बात करने गए तो उन्होंने 40 प्रतिशत यानि लगभग डेढ़ करोड़ रुपए कमीशन एडवांस देने की शर्त रखी। शिकायतकर्ता ने कहा कि श्री गोयल ने काफी अनुरोध के बावजूद भी 40 प्रतिशत कमीशन की जिद नहीं छोड़ी और कहा कि इसके बगैर संभव नहीं है। मुख्यमंत्री मायावती और कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में भी शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसके पास श्री गोयल से हुई वार्ता की ऑडियो सीडी तैयार की गई है। हाईकोर्ट में तो उसने ऑडियो सीडी प्रस्तुत भी की है। मुख्यमंत्री को अगर जरूरत होगी तो ऑडियो सीडी प्रस्तुत कर दी जाएगी। वहीं बीआरजीएफ के लंबित तीन करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि में सेवा प्रदाता एजेंसियों से 40 प्रतिशत कमीशन मांगने तथा अन्य भ्रष्टाचार के आरोपों पर जब डीएनए ने विशेष सचिव राजेन्द्र गोयल से प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि इस तरह वे कोई जवाब नहीं देंगे। आप शासन में आकर बात कीजिए। सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा प्रमुख सचिव पर लगाए गए आरोपों के सम्बंध में बीएम मीना ने कहा कि मैं सभी आरोपों का जवाब दूंगा।
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