Friday, 8 July 2011
कुबरा की क्वालीफिकेशन क्या है मैडम
मुख्यमंत्री मायावती के सूचना सलाहकार जमील अख्तर की पत्नी खजीअतुल कुबरा को सूचना आयुक्त बनाए जाने पर सवाल खड़ा होने लगा है। हर बार की तरह इस बार भी बगैर नेता विरोधी दल की सहमति के सूबे की मुखिया द्वारा एक पक्षीय निर्णय के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री दफ्तर से यह पूछा भी जाने लगा है कि श्रीमती कुबरा किस क्षेत्र में विशेष योग्यता रखती हैं? क्या उन्हें इसलिए सूचना आयुक्त बना दिया गया कि वह मायावती की सूचना सलाहकार की पत्नी हैं?
दरअसल मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा श्रीमती कुबरा को सूचना आयुक्त बनाए जाने की एक पक्षीय फैसला पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले सूचना आयुक्त ज्ञान प्रकाश मौर्य की नियुक्ति के मामले में भी समिति ने नेता विरोधी दल की सहमति को दर किनार रखते हुए एक तरफा निर्णय लिया था। मगर इस बार हाईकोर्ट के अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने तो बाकायदा मुख्यमंत्री के जनसूचना अधिकारी से आरटीआई के तहत ही वे सारे अभिलेखीय साक्ष्य सहित सूचना देने की मांग की है कि आखिर श्रीमती कुबरा किस क्षेत्र में विशेष योग्यता रखती हैं? उनकी नियुक्ति से सम्बंधित पत्रावलियों, तथा उनकी क्वालीफिकेशन क्या है, की सूचना मुख्यमंत्री दफ्तर दे। इसके साथ ही अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री से इस नियुक्ति के सम्बंध में सूचना मांगी है कि क्या सूचना आयुक्त की रिक्ति के विरुद्ध सरकार द्वारा शासकीय गजट में अधिसूचना प्रकाशित की गई थी? मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार की पत्नी की नियुक्ति सम्बंधी पत्रावली में नेता विरोधी दल ने क्या टिप्पणी की है? मुख्यमंत्री दफ्तर उसकी छाया प्रति उपलब्ध कराए।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के इस अधिवक्ता ने भी सूचना आयुक्त बनने के लिए ज्ञानेन्द्र शर्मा के सेवानिवृत्ति के बाद सूचना आयुक्तों के नियुक्ति सम्बंधी समिति की अध्यक्ष व मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल बीएल जोशी को एक आवेदन 12 जनवरी को भेजा था।
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