Tuesday, 5 July 2011

जौहर का जिन्न फिर बाहर

आजम ने कहा : मुसलमानों से इतनी दुश्मनी क्यों
सूचना आयोग ने विश्वविालय से संबंधित सारे रिकॉर्ड तलब किए

सियासी मुसीबतों का सामना कर रही माया सरकार के सामने उसके पसंदीदा अफसर ही आए दिन कोई न कोई नए संकट खड़े कर रहे हैं। मौलाना जौहर अली विश्वविालय का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ गया है। बसपा सरकार के पसंदीदा अफसर ही न सिर्फ जौहर विवि जैसे मुद्दे को तूल देकर विरोधी दल सपा को हावी होने का मौका दे रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री पर नई मुसीबतें थोप रहे हैं। रामपुर स्थित मौलाना मुहम्मद अली जौहर विश्वविालय को अनापत्ति प्रमाण पत्र न दिए जाने समेत तमाम मुद्दों को लेकर राज्य सूचना आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग के जनसूचना अधिकारी को विश्वविालय सम्बंधी समस्त रिकॉर्ड के साथ आयोग तलब किया है।

उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान काबीना मंत्री मोहम्मद आजम खान की पहल से रामपुर में जौहर विश्वविालय की स्थापना की गई थी। मगर बसपा सरकार के सत्तारूढ़ होते ही विवि सम्बंधी समस्त गतिविधियां अचानक थम सी गईं। सरकार ने राजनीतिक विरोध के चलते विश्वविालय को अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया। मुरादाबाद निवासी सलीम बेग ने राज्यपाल के जनसूचना अधिकारी को एक आवेदन देकर पूछा था कि राज्य सरकार जौहर विश्वविालय को कितने दिनों में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान कर देगी? सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई इस जानकारी सम्बंधी पत्र को राज्यपाल के जनसूचना अधिकारी ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को अंतरित कर दिया। मगर विभाग द्वारा समय बीत जाने के बाद भी कोई जानकारी नहीं दी गई। मगर यह मामला सूचना आयोग में जाने पर बसपा सरकार के पसंदीदा अफसर रहे और आयोग का नेतृत्व कर रहे मुख्य सूचना आयुक्त रणजीत सिंह पंकज के करीबी राज्य सूचना आयुक्त राम हरि विजय त्रिपाठी ने उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों की उदासीनता को लेकर न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि विभाग के जनसूचना अधिकारी को विवि सम्बंधी सारे रिकॉर्ड आयोग में 26 जुलाई को तलब करने का आदेश सुनाया है। राज्य सूचना आयोग के इस निर्णय से समाजवादी पार्टी व उसके वरिष्ठ नेता आजम खान को सरकार पर हमले का पूरा मौका मिल गया है। मुख्यमंत्री मायावती और बसपाइयों पर हमला बोलते हुए आजम ने कहा कि सरकार को डर पैदा हो गया है। गर्वनर ने तो अपना काम कर दिया है। जौहर विवि को अनापत्ति प्रमाण पत्र तो उच्च शिक्षा विभाग का बाबू ही दे देगा। पता नहीं मायावती को मुसलमानों से इतनी दुश्मनी क्यों है? उन्होंने कहा कि जौहर विवि नोटिफिकेशन की तीनों शर्ते पूर्ण करता है। विवि के पास 250 एकड़ जमीन है। 24 हजार स्क्वायर मीटर के बजाय 40 हजार स्क्वायर मीटर में विवि के भवन बनकर तैयार हैं तथा सिक्योरिटी फीस के रूप में 10 लाख रुपए पिछले पांच सालों से जमा हैं। मगर मायावती को जौहर विवि पर सिर्फ बुलडोजर चलाने की याद आती है। सरकार में बैठे लोगों के अनुयायी तो लाखों रुपए की लोहे की छड़ उठा ले गए। विवि के लाखों के अन्य सामान डकैती कर ले गए। हम फिर भी चाहते हैं कि मायावती कृपा कर दें तो बच्चे शिक्षा ग्रहण करने लगें। अब तक तो पांच हजार बच्चे डिग्रियां लेकर निकल गए होते।

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