Sunday, 17 July 2011

11 साल का बच्चा बन गया सरकारी नौकर

पीडब्लूडी में डेढ़ दर्जन कम उम्र के कर्मचारियों को अफसरों ने कर दिया नियमित

पीडब्लूडी में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। मगर भ्रष्टाचार का एक आश्चर्यजनक कारनामा सामने आया है। अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग सुलतानपुर ने अपनी जेबें भरने के लिए 11 साल से लेकर 16 साल के कर्मचारियों को सरकारी नौकरी दे दी। प्रांतीय खंड लोकनिर्माण विभाग सुलतानपुर के अधिशासी अभियंता ने 11 साल के रवीन्द्र कुमार को सरकारी नौकरी दे दी। वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या 74 पर अंकित रवीन्द्र कुमार की जन्मतिथि 25 मार्च 1974 है। उनकी दैनिक वेतन भोगी के रूप में सेवा में आने की तिथि जून 1985 दर्शायी गई है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि रवीन्द्र सेवा में आने के समय 11 वर्ष का था। इसी प्रकार वरिष्ठता सूची की क्रम संख्या 86 पर अशोक कुमार जिनकी जन्मतिथि 2 दिसम्बर 1970 है तथा दैनिक वेतन में आने की तिथि नवंबर 1986 है। यानी वे सेवा में आने के समय मात्र 16 साल के थे। वरिष्ठता सूची के क्रम संख्या 98 पर शिवनाथ की जन्मतिथि 1 जनवरी 1971 है। सेवा में आने की तिथि 1 मई 1987 है जो उनकी उम्र 16 साल बताती है। क्रम संख्या 106 पर दुर्विजय सिंह की जन्मतिथि 25 अगस्त 1971 है। सेवा में आने की तिथि 1 नवबर 1987 है। यह भी 16 साल का है। क्रम संख्या 107 पर राम अभिलाख की जन्मतिथि 8 मई 1970 है। सेवा में आने की तिथि 1 दिसंबर 1987 है। वह 17 साल का है। क्रम संख्या 122 पर अजय कुमार की जन्मतिथि 19 सितंबर 1975 है। सेवा में आने की तिथि 1 जनवरी 1979 है। सेवा में आने के समय वह 14 साल का था। इसी प्रकार सुलतानपुर के वकचार्ज ज्येष्ठता सूची के क्रम संख्या 130 पर सत्यनारायन, क्रम संख्या 131 पर जय नारायण, क्रम संख्या 132 पर कृष्ण स्वरूप, क्रम संख्या 133 पर राज नारायण, क्रम संख्या 136 पर हरिओम, क्रम संख्या 111 पर राम सुरोहित, क्रम संख्या 113 पर संतोष कुमार, क्रम संख्या 114 पर राजेन्द्र कुमार का नाम उन लोगों में है जिनकी जन्मतिथि और दैनिक वेतन में आने की तिथि व्यापक भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करती है। अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने लोक निर्माण विभाग के सचिव को लिखे शिकायती पत्र में प्रांतीय खंड फैजाबाद के तहत आने वाले सुलतानपुर जिले में हुई धांधली की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2009 में जारी वरिष्ठता सूची से यह उजागर हो गया है कि बड़े अफसरों व इंजीनियरों के संरक्षण में किस तरह भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। श्री गुप्त ने डीएनए को बताया कि कम उम्र के कर्मचारियों से मोटी रकम लेकर वरिष्ठता सूची में शामिल करने की शिकायत उन्हें मिली थी। इस सम्बंध में उन्होंने आरटीआई के तहत प्रांतीय खंड सुलतानपुर से सूचना भी मांगी है। कम उम्र में कर्मचारियों को लोनिवि अफसरों व इंजीनयिरों द्वारा नियमित किए जाने का मामला लेबर एक्ट के साथ चतुर्थ श्रेणी विनियमितीकरण नियम 2001 का खुला उल्लंघन है।

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