अक्टूबर में 10 दिन के लिए यूरोपीय देशों के दौरे पर गए थे
घुमक्कड़ आदतों के चलते फिर चर्चा में
सूचना आयोग में 32 हजार से भी ज्यादा मामले विचाराधीन
घुमक्कड़ आदतों के चलते फिर चर्चा में
सूचना आयोग में 32 हजार से भी ज्यादा मामले विचाराधीन
प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त रणजीत सिंह पंकज कभी विवादास्पद आदेशों तो कभी सूचना आयुक्तों से मनमुटाव के चलते विवादों में घिरे रहते हैं तो कभी अपने खराब आचरण के चलते निंदा का शिकार होते हैं तो कभी अपने घुक्कड़ी आदतों के चलते सूचना आयोग में चर्चा का विषय बने रहते हैं। इन दिनों सीआईसी साहब सिंगापुर के सैर-सपाटे पर हैं तो चर्चा का केन्द्र बने हुए हैं।
जब से सीआईसी के पद पर रणजीत सिंह पंकज आसीन हुए हैं वे वादकारियों के बजाय अफसरों का बचाव करने से लगातार कई शिकायतकर्ताओं की आलोचनाओं से विवादों में रहे हैं। यही नहीं साहब कभी-कभी तो गुस्से से इतना आग बबूला हो जाते हैं कि अप्रत्याशित हरकत कर बैठते हैं। आयोग के विधि अधिकारी रहे और सेवानिवृत्त न्यायाधीश नियाज अहमद ने पंकज के अमर्यादित आचरण को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। अपने आरोपों में सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने कहा था कि सीआईसी से मिलने जब वे उनके कक्ष में मिलने गए तो इतने खफा हुए कि अपने सुरक्षा कर्मियों से उन्हें नीचे फेंक देने का आदेश दे डाला था। श्री अहमद ने इसकी शिकायत प्रदेश के राज्यपाल व हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार तक की थी। सीआईसी के इस आचरण की काफी आलोचना हुई थी।
पंकज अपने घुमक्कड़ आदतों के चलते भी चर्चा में बने रहते हैं। सूचना आयोग में 32 हजार से भी ज्यादा मामले विचाराधीन हैं। शिकायतकर्ताओं को सूचनाएं न मिलने की शिकायतों की भरमार है। बावजूद इसके वे सैर-सपाटे के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं। अभी अक्टूबर में सात समंदर पार 10 दिन कई यूरोपीय देशों का चक्कर काट आए थे कि पिछले 13 फरवरी को फिर एक हफ्ते के लिए सिंगापुर घूमने निकल गए। आयोग के सूत्रों के अनुसार सीआईसी नितांत निजी यात्रा पर सिंगापुर गए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के राज्यपाल से अनुमति भी ले ली है। बताते हैं कि पंकज जब भी देश के बाहर घूमने-फिरने या किसी अन्य कारणवश जाते हैं तो सूचना आयोग के किसी कर्मचारी तक को इसकी भनक तक नहीं लगती।
पिछली बार ही किसी को कानोंकान खबर तक नहीं हुई थी पंकज सात समंदर पार घूम आए। आयोग के ज्यादातर सूचना आयुक्त भी सीआईसी साहब के विदेश यात्रा से बेखबर रहे। जिन सूचना आयुक्तों को साहब के परदेश घूमने की जानकारी थी, वे डर के मारे चुप्पी साधे रहे। पिछली बार नवंबर में सात समंदर पार बेल्जियम, ब्रिटेन, नीदरलैंड और इटली तक सैर कर आए थे। करीब 10 दिन घूमने के बाद पंकज 19 अक्टूबर को स्वदेश वापस आ गए थे। वे पांच अक्टूबर को विदेश यात्रा पर गए थे। मगर उनकी पूरी परदेश यात्रा की खबर उस समय भी आयोग के ज्यादातर सूचना आयुक्तों को नहीं थी। यहां तक आयोग के सचिव योगेन्द्र सिंह को भी उनके बाहर भ्रमण की जानकारी नहीं थी। सरकारी यात्रा पर जाने के सम्बंध में पूछने पर एक सूचना आयुक्त ने कहा कि आयोग के पास इतना पैसा तो नहीं है कि कोई सात समंदर पार या कहीं और घूम सके।
आयोग में कर्मचारी इन दिनों पंकज से काफी नाराज बताए जाते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे आयोग की समस्याओं को दरकिनार कर सैरसपाटा कर रहे हैं। 32 हजार से भी ज्यादा वाद आयोग में लम्बित हैं। एक-एक कर्मचारी चार-चार कर्मचारियों के बराबर काम कर रहा है। जहां 140 कर्मचारियों का स्टाफ होना चाहिए वहां 60 कर्मचारियों से ही काम चलाया जा रहा है। आयोग में स्थानाभाव है। सूचना आयुक्त के पास जहां सात कर्मचारियों का स्टाफ होना चाहिए वहां वह दो या तीन कर्मचारियों से ही काम करवाया रहा है।
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