Wednesday, 16 February 2011

पंचायत सचिवालयों के लिए पैसा नहीं

भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र बनाने का भी प्रस्ताव
मनरेगा के पैसों से 37 जिलों में बनेंगे सचिवालय

मनरेगा के पैसों ने राज्य सरकार की लाज बचा रखी है अन्यथा उसकी अधिकांश योजनाएं पानी मांगती फिरतीं। हालत यह हो गई है कि जब किसी विभाग का अफसर योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए पैसों का रोना रोता है तो उसे निश्चिंत करते हुए कहा जाता है मनरेगा है ना, काहे परेशान हो। अब पंचायतीराज विभाग को ही ले लीजिए, ग्रामसभाओं में पंचायत सचिवालय बनाने के लिए सरकार के पास चवन्नी भी नहीं है। 35 जिलों में बीआरजीएफ के पैसों से पंचायत सचिवालय बनाए जा रहे हैं। बाकी बचे 37 जिलों में पंचायत सचिवालय बनाने से जब विभाग ने हाथ खड़े कर दिए तो सरकार ने कहा कि इन जिलों में मनरेगा के पैसों से पंचायत सचिवालय बनाए जाएंगे। पंचायतीराज विभाग ने इसका प्रारूप भी तैयार कर लिया है।

पंचायतीराज विभाग के सूत्रों के अनुसार अगर केन्द्र का पैसा न हो तो अधिकांश योजनाएं सिर्फ फाइलों में ही दबी रह जाएं। गांव के विकास और पंचायतों को स्वशासन इकाई के रूप में विकसित करने का दावा करने वाली राज्य सरकार के पास धेला भी नहीं है। पहले पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के पैसों के बलबूते 35 जिलों में पंचायत सचिवालय बनाने की योजना शुरू की अब बाकी बचे 37 जिलों में मनरेगा के पैसों से 9271 ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवालय बनाए जाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। मालूम हो कि प्रदेश में कुल 52,914 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें से 35 बीआरजीएफ जिलों में ग्राम पंचायत भवन नहीं हैं। यहां पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से ग्राम पंचायत सचिवालयों का निर्माण किया जा रहा है। बीआरजीएफ जिलों में 2000 ग्राम सचिवालय बनने हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रथम चरण में प्रदेश की 5000 या उससे अधिक जनसंख्या की ऐसी ग्राम पंचायतें जिनमें भवन नहीं हैं वहां 10 लाख रुपए की लागत से भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का निर्माण किया जाएगा और जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन तो हैं किंतु वे ग्राम सचिवालय के लिए पर्याप्त नहीं हैं वहां मनरेगा के पैसों से ग्राम सचिवालय बनाए जाएंगे। जानकारी के अनुसार पंचायतीराज विभाग ने गैर बीआरजीएफ जिलों में पंचायत सचिावालय बनाए जाने की रूपरेखा तैयार कर ली है। मनरेगा के तहत उपलब्ध धनराशि से ग्राम सचिवालय भवन का निर्माण किया जाएगा। इसका दायित्व ग्राम्य विकास विभाग पर होगा। इसके लिए योजना अनुश्रवण समितियों का गठन किया जाएगा। राज्य स्तर पर मनरेगा के उपायुक्त अनुराग यादव, निदेशक पंचायतीराज व सयुंक्त निदेशक पंचायत राज समिति में होंगे तथा जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी व जिला पंचायतराज अधिकारी समिति का जिम्मा सभांलेंगे। इस प्रकार गैर बीआरजीएफ जिलों में 9271 ग्राम पंचायतों में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के निर्माण के लिए भी मनरेगा के पैसों से बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने 927.10 करोड़ रुपए प्राविधान किए जाने का भी प्रस्ताव तैयार किया है। मनरेगा के पैसों से गैर बीआरजीएफ जिलों में पंचायत सचिवालय बनाए जाने पर पंचायतीराज निदेशक डीएस श्रीवास्तव ने कुछ भी बताने से इनकार किया तथा संयुक्त निदेशक से बात करने को कहा मगर संयुक्त निदेशक सुघन चंद्र चंदोला ने बताया कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है।

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