Tuesday, 6 September 2011

अफसर बेलगाम मंत्री जी नाकाम


यूपी में अफसर इतने बेलगाम हो गए हैं कि न तो वे मुख्यमंत्री मायावती के किसी आदेश का पालन करना जरूरी समझते हैं और न ही विभागीय मंत्रियों को सेटते हैं। अफसरों पर पैसा कमाने का इस कदर भूत सवार है कि वे कोई न कोई तरकीब ढूंढ़ते ही रहते हैं। राज्य औोगिक विकास निगम कानपुर में दो अफसर ऐसे हैं जिन्होंने वार्षिक स्थानांतरण नीति को खूंटी पर टांग एक दिन में 50 इंजीनियरों का तबादला अलग-अलग जिलों में कर दिया। विभागीय मंत्री इन्द्रजीत सरोज एवं सचिव एसके वर्मा के आश्चर्य और रोष व्यक्त किए जाने के बाद भी अफसरों ने अपना रवैया नहीं बदला और न ही किसी का स्थानांतरण रद्द किया। एक दिन में इतनी बड़ी तादात में तबादलों के पीछे पैसे की उगाही का खेल बताया जा रहा है।

राज्य औोगिक विकास निगम के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री मायावती ने सरकारी विभागों व सार्वजनिक निगमों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित किया था। मगर कानपुर स्थित निगम में मुख्यमंत्री के इस आदेश को ताक पर रखते हुए प्रभारी कार्मिक सुभाष चन्द्रा व अपर प्रबंध निदेशक देवी शंकर शर्मा ने बीते दो जून को निगम में कार्यरत 72 अभियंताओं में से 50 का तबादला विभिन्न जिलों में कर दिया। सूत्रों का कहना है कि ये तबादले इसलिए किए गए हैं ताकि इंजीनियर या तो स्थानांतरित जिलों में जाएं अथवा मुंह मांगा पैसा अफसरों को दे दें। सूत्रों का यह भी कहना है कि इन तबादलों में 13 अनुसूचित जाति एवं 16 पिछड़ी जाति के इंजीनियर हैं। कानपुर से हटाए गए अभियंताओं ने अफसरों की इस करतूत की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की है कि निगम के दोनों अफसर लगातार उत्पीड़न कर रहे हैं। 50 इंजीनियरों के तबादले समेत धन उगाही की आई शिकायतों को लेकर जसराना के बसपा विधायक राम प्रकाश यादव, हसनगंज उन्नाव के बसपा विधायक राधेलाल रावत, विभागीय विशेष सचिव मुकेश कुमार गुप्ता, भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर महासभा के मंत्री जगत नारायण के अलावा राज्य औोगिक विकास निगम के प्रभारी मंत्री इन्द्रजीत सरोज व विभाग के सचिव एसके वर्मा द्वारा 8 जून को हुई मासिक समीक्षा बैठक में तबादलों एवं अन्य शिकायतों के सम्बंध में नाराजगी जाहिर करने के बाद भी निगम के दोनों अफसरों सुभाष चन्द्रा व देवी शंकर शर्मा के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

अंबेडकर महासभा के मंत्री जगत नरायण ने मुख्यमंत्री मायावती को लिखे पत्र में तो यहां तक कहा है कि विभागीय मंत्री इन्द्रजीत सरोज ने तबादलों से अपनी असहमति जताई थी और उन्हें निरस्त करने को कहा था। मुख्यमंत्री को उन्होंने यह भी लिखा है कि मुख्य अभियंता के अधीन अधिकारियों में से एक कांग्रेस सांसद एवं अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष का रिश्तेदार है और अवैध गतिविधियों में अत्यंत सक्रिय है।

निगम में बेलगाम अफसर नियम और कानूनों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। सीनियर इंजीनियर मनमोहन को चीफ इंजीनियर इंचार्ज न बना कर उनसे जूनियर आरके चौहान को चीफ बना दिया है। यही नहीं निगम स्थित लखनऊ में अधिशासी अभियंता एनके आदर्श को गाजियाबाद के ट्रानिका सिटी का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है जबकि गाजियाबाद में दो अधिशासी अभियंता पहले से ही कार्यरत हैं। डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट ने निगम के अपर प्रबंध निदेशक देवी शंकर शर्मा से जब 50 इंजीनियरों के तबादले और अन्य शिकायतों पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि आप क्यों परेशान हैं? जो छापना हो वो छाप दो। हमे कुछ नहीं कहना है।

No comments:

Post a Comment